हिन्दी भाषा
हिन्दी बड़ी सरल है भाषा।
संस्कृत की यह दुहिता।
बच्चे इस को जल्दी समझें।
न कोई कष्ट न माने दुवदा।
जैसा बोलो लिख लो वैसा।
अंग्रेज़ी में नहीं होता ऐसा।
पी.यू.टी. लिख पुट कहें बी.यू.टी. लिख बट्ट।
फिर क्यों न बच्चे घबरायें।
जब अंग्रेज़ी दिमागों को करती चट्ट।
सिखलाओ कोमल बच्चों को पहले अपनी भाषा।
फिर सात वर्ष के पश्चात् सिखलाओ जो चाहो भाषा।
राष्ट्र हिन्दी भाषा क्यों दुःखयारी? उत्तर दक्षिण भाषावरियों को गले मिलानेहारी "बिल्लो" के पाठक प्यारे बच्चों दे न कोई उलाहना, आर्शीवाद "डी. बाली' देती, अब पढ़ो, तुम इस पुस्तक को बड़े होकर, भारत के कोने, कोने में मातृभाषा फैलाना ।