"बिल्लो" हिन्दी भाषा कविताएं चित्रों सहित
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बंदर ले कर बना कलन्दर।
माताजी (मामा) कहतीं मुझे मच्छन्दर।
शोर करूं मैं बाहिर अंदर।
गुस्से हो मां गई जालंधर।