"बिल्लो" हिन्दी भाषा कविताएं चित्रों सहित
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पापड़ कैसा चपटा गोल।
माताजी (मामा) लेतीं इस को मोल।
दाल मिर्च का कैसा जोड़।
खाओ, देखो सवाद अनमोल ।