"बिल्लो" हिन्दी भाषा कविताएं चित्रों सहित
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ठाकुर जी का मंदिर भारी।
पूजा करता नित्त पुजारी।
स्वामी जी प्रशाद हैं देते।
पैसा हम से कुछ नहीं लेते।